حمله ور شــد در میـــان مــرد و زن |
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از میــان ظلــمت آن سرمــای تــــن |
منجــمد گشتــی بدان احسـاس ما |
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فــارغ از ادراک و فـــهـم هدیــه هــا |
یـک طـرف آتــش فــراســو زمـهریــر |
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خسته و وامانده در بــنــد و اســیــر |
در اسـارت لــحـظــه های زنــدگــی |
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وامــدار و جــیــــرهخـــوار بـــردگــی |
دست و پامان بسته دور از نغمه ها |
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خمر تاریکی چو بستی چشمه هــا |
چشمهامان کــور شـد از گــریه ها |
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آه حســرت بود جـــای خــنــده هــا |
تا کــه نــورش بــر دلارامـی رسـیـد |
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کــاردانــی، کهــنــه کــاری بـرگزیــد |
ســالها درگیــر پــیــکـاری عـظیــم |
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زخم ها خوردی درآن عمـق جـحیـم |
تـــا ز آتـــش آب کــــردی انــجـمــاد |
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تــــا بـــری از آدمــی حــس جمـــاد |
اذن حق علمش شدی ابـزار دسـت |
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دست مردی کزمحبت گشته مست |
یک به یک مردان زنان سوی حـیـات |
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شـاد و خـــرم بیتشان شهـدو نـبات |
بـیـتـشــان گـشتــه سرای زنـدگی |
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دور بــــادا اهــــرمـــن درنـــدگــــی |
شـد پــیــام جــمــله دلــــداده هــا |
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شــاد بــاش و خــرم ای مــرد خـدا |
چهـارده سـالی که شد پــایـان درد |
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بـــس مـــبـــارک بـــاد بــر آزاد مرد |
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